नई दिल्ली : पाकिस्तान के परेशानियों से घिरे वित्त मंत्री इशाक डार पनामा पेपर्स प्रकरण में दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक अदालत के समक्ष आज पेश हुए।
‘‘आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति’’ के बारे में यह मामला डार और प्रधानमंत्री पद से अयोग्य करार दिए गए नवाज शरीफ तथा उनके परिवार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के 28 जुलाई को दिए आदेश के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा दायर भ्रष्टाचार के चार मामलों में से एक है।
सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ को आयोग्य करार भी दिया था और उनके, उनके बच्चों मरियम, हुसैन और हसन तथा दामाद मुहम्मद सफदर के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज करने का आदेश दिया था।
अधिकारियों ने बताया कि अल बराक बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ताकिद जावेद और नेशनल इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (एनआईटी) के शाहिद अजीज ने वित्त मंत्री के खिलाफ गवाही दी।
अजीज ने अदालत को बताया कि 67 वर्षीय डार ने बतौर वित्त मंत्री वर्ष 2015 में एनआईटी में 12 करोड़ रुपये निवेश किए थे लेकिन जनवरी 2017 में पनामा पेपर्स मामला शुरू होने के बाद यह धनराशि वापस ले ली गई।
अल-बराक बैंक के जावेद ने बैंक की लाहौर शाखा में डार के खाते की जानकारियां मुहैया कराई।